रक्षक (भाग : 05)
जेन्डोर ग्रह पर अंधेरे के बेटे ने कब्जा करने के लिए भेजा है महाशक्तिशाली undead को, जिससे रक्षक और उसके साथी अपनी पूरी जान लगाकर रोक रहे हैं। इधर धरती पर राज के अचानक गायब हो जाने से उसके घरवाले बहुत परेशान है, जानने के लिए पूर्व के भागों को पढ़े☺️🙏
अब आगे...
संपादक - श्री सूरज शुक्ला
रक्षक - 05
धरती पर--
अभय नगर में--
किसी के छत से नीचे उतरने की हल्की सी आहट से पूजा चौक उठी , वह अभी सोई नही थी इसलिए धीरे से दरवाजा खोलकर बाहर सीढियो की तरफ देखती है, और भड़क जाती है ….
“तुम्हे यही टाइम मिला था आने को?? अब तक कहाँ थे तुम? ... पता है पापा आये हैं और कितना घबराएं हुए हैं सब.. और….. और तुमसे तो बात ही नही करनी मुझे..।” - पूजा आगंतुक पर भड़कते हुए बोली।
“अरे गलती हो गयी माई बाप अब अंदर आ जाने दे आइंदा ऐसी गलती न होगी ” अपने दोनों हाथों से अपना कान पकड़ते हुए आगुन्तक ने झुकते हुए कहा । ये राज था मगर पहले से थोड़ा बदला हुआ।
“नही जाओ! जाओ तुम ! ! जहां भी जाना है, बताकर नही जा सकते थे? कम से कम अपना मोबाइल तो अपने साथ ले जाते?”- पूजा अब भी भड़की हुई थी।
“ ओह्ह सॉरी! मेरी प्यारी बहना मान जा न, अब क्या जान लेगी मेरी” मुस्कुराते हुए राज बोला।
“हुह..!” मुँह बनाते हुए पूजा बोली।
“लगता है मेमोरी सर्किट्स में कोई प्रॉब्लम आ गयी है, मैं 100% अवशोषित नही कर पाया।” राज बड़बड़ाया।
“ क...क्या बोले तुम?” - पूजा ने उसे घूरते हुए पूछा।
“कुछ नही! कुछ नही ! ” राज हड़बड़ाता हुआ पर शांत स्वर में बोला।
“हां ये लो तुम्हारी चॉकलेट..!”
“Aww, भैया को अब मस्का लगाना भी आ गया है, चलो घुसो अपने कमरे में और सो जाओ, फोन स्विच ऑफ है पर ऑन करने की गलती मत करना।”हाथ से चॉकलेट छीनती हुई पूजा अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद करती है और मुस्कुराते हुए आईने को निहारती है।
राज अपने कमरे में चला जाता है और सोने की कोशिश करता है।
(एक मिनट राज तो जेन्डोर ग्रह पर है जिसे यहां से 'फोर J' लेकर गए थे, तो ये कौन है जो राज बना हुआ है ओर 'फोर J' कहाँ चले गए हैं..?? जवाब शीघ्र ही मिलेगा।)
जेन्डोर ग्रह पर……
युद्ध स्थल में राज और उसके सभी साथी अंधेरे की सेना और डेड्रोन्स से घिरे हुए थे। राज सभी को गाजर मूली की तरह काटते हुए आगे बढ़ रहा था। पर अंधेरे के सैनिक असंख्य थे वो घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे थे , हर तरफ सम्पूर्ण ब्रह्मांड का अधिकतम भाग अंधेरे से घिरा हुआ था इसलिए अंधेरे की ताकत अनंत और असीमित हो चुकी थी।
अर्थ अपने समस्त बल और बुद्धि का प्रयोग करके किसी तरह खुद को अंधेरे का ग्रास बनने से बचाये हुए था, उधर वो दोनों रहस्यमयी मददगार भी अपनी सम्पूर्ण शक्ति अंधेरे को रोकने में लगा रहे थे। और एक तरफ deadrons का मुख्य undead और तमसा ठहाका लगा रहे थे।
राज स्वयं से “उफ्फ ये तो कम होने का नाम ही नही ले रहे, अब मेरा क्रोध अनियंत्रित हो रहा है मैं स्वयं को सयंमित नही कर पा रहा हूँ।”
अब राक्षस अपने सामान्य कद से बढ़कर विशाल रूप को धारण कर चुके थे ।
अर्थ बुरी तरह घबराया हुआ था, तभी उसके सामने नीले पोशाक में एक अजनबी दिखा, जो राक्षसों का तेजी से संहार कर रहा था, उसकी फुर्ती बिजली को मात दे सकने योग्य थी, विशाल राक्षस भी उसके मुष्टि का भीषण प्रहार नही सह पा रहे थे।
उसके एक ही वार से वे कई कई किलोमीटर दूर उछल कर गिर रहे थे।
वो मददगार भी रक्षक जितना लंबा चौड़ा दिख रहा था, उसके चेहरे पर भी नीले रंग का नकाब चढ़ा हुआ था, उसके हाथ मे थमी तलवारे राक्षसों के लहू से रंग चुकी थी, उसका लिबास लहरा रहा था, लंबे लंबे बाल और चेहरे पर सिर्फ आंखे ही खुले भाग थे। वो बिजली की गति को भी मात देता हुआ deadrons फ़ोर्स के सैनिकों पर टूट पड़ा था।
रक्षक और दोनों रहस्यमयी मददगार भी आश्चर्यचकित थे, परन्तु ये उनका ही एक मददगार था ये देखकर उन्हे बहुत खुशी हुई और सारे सैनिक एक बार फिर पूरे जोश से लड़ने लगे।
Undead एक और रहस्यमयी दुश्मन को देखकर बौखला गया। उसने तमसा से कुछ कहना चाहा पर वो वहां से जा चुकी थी।
“बीच युद्ध मे वो क्यों आई थी जब इसी हाल में छोड़कर जाना ही था तो…?” Undead मन मसोस कर रह गया।
अंधेरे के अनंत सैनिक धीरे धीरे कम होने लगे, रक्षक दोनों हाथों से तलवार इतनी तेजी से चला रहा था कि सामने वाले को तलवारे दिख भी नही रही थी, दिख रही थी तो सिर्फ स्याह रक्त की बौछारें जो रक्षक, अर्थ और उसकी सेना, और इन मददगारों ने फैलाया हुआ था।
लेकिन अंधेरा उजाले के चारो तरफ है…
अकेला undead ही ब्रह्मांड के लगभग सभी अंधेरे के शक्तिधारको के बराबर सामर्थ्य रखता था, उसकी शक्तियां असीमित थी। अब undead अपने विशाल रूप में आने लगा, जिसे देखकर सामान्य हृदय धड़कना छोड़ दे।
काली लाल आंखे, सर पर बड़ी बड़ी दो सींघे, 30 फिट से ऊंचा कद, नाखून जैसे तीखी तलवार हो और उसकी भीषण दहाड़…...।
विशाल रूप धारण करते ही वो रक्षक और उसकी सेना की ओर दौड़ा, उसके सामने अब सारे ऐसे लग रहे थे जैसे हाथी के सामने चींटियों का झुंड…
न जाने कितने सैनिक उसके पांव के नीचे आकर काल के ग्रास बन गए, रक्षक और सभी मददगार भी यह देखकर अचंभित थ।
“तुम अभी मेरी काली शक्तियों से अनभिज्ञ हो तुच्छ जेन्डोर वासियो” - undead जोर से गुर्राया।
उसके हाथ मे एक भाले की आकृति का हथियार था, जिसे उसने नीली पोशाक वाले मददगार की ओर फेंक दिया।
कमाल की कुशलता और बिजली की फुर्ती से नीली पोशाक वाले ने वो जगह छोड़ दिया, उस स्थान पर अब एक बड़ा सा गड्ड बन गया था। अब सभी मिलकर केवल undead की ऊपर हमला करने लगे परन्तु undead पर इन सबके वारो का कोई असर नही हो रहा था।
परन्तु undead अब रुकने के मूड में नही था, उसके इस विशाल रूप से रक्षक की सेना बौखला गयी, उन रहस्यमयी मददगारों को भी कुछ समझ नही आ रहा था की क्या करे?
रक्षक अब भी खुद को शांत करने के प्रयास में लगा हुआ था। इस भीषण युद्ध मे भी वो अचानक से थम गया, न जाने क्यों ऐसे लग रहा था कि ये युद्ध उसे नही लड़ना चाहिए, परन्तु अब वह छोड़कर भाग भी नही सकता, उसे अपने किये फैसले पर अफसोस हो रहा था, वो अकेले undead के सामने इस हाल में कही भी नही ठहरता, पर अब सेना लाने का भी कोई फायदा नही था।
सारे सैनिक या तो मारे जा चुके थे या सुप्तावस्था में चले गए थे, कुछ बाकी थे जो अंधेरे की सेना से लड़ रहे थे, अंधेरे की सेना अब स्याह काली तीन सींगो वाली, हाथों में विभिन्न प्रकार के हथियार धारण किये हुए रक्षक की सेना को आसानी से मारती जा रही थी।
“तुम और तुम्हारे साथी एक महाशक्तिशाली काली शक्तियों के धारक को कभी नही हरा सकते, तुम सबको आज मरना होगा हा हा हा!…….” Undead अट्टहास करते हुए जोर से बोला।
“अंधेरा कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो जाए, रुतबे और ताकत में कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये, उजाले के आते ही सर पर पांव रखकर भाग जाता है।” - नीली पोशाक वाला रहस्यमयी मददगार बोला।
“तो अपनी बात सिद्ध करके भी दिखाओ अजनबी…” - undead बोला और उसपर एक धारदार हथियार से हमला कर दिया।
नीली पोशाक वाले ने उस हथियार को उछलकर हवा में ही रोक लिया, और वापस उसे undead की ओर फेंक दिया, जो कि undead के शरीर से टकराकर जमीन पर गिर गया।
“कमाल है इतनी नुकीली धातु इसके त्वचा में प्रवेश नही कर सकी, ये कैसे संभव है..?”- नीली पोशाक अपने मन मे विचार करने लगा।
“तुम सब व्यर्थ प्रयास कर रहे हो, अंधेरे की अधीनता स्वीकार कर लो वरना सब मारे जाओगे..।” - undead गुर्राता हुआ बोला।
“हमे योजना बनानी होगी रक्षक, वरना ये सच कह रहा है हम सब मारे जाएंगे” - पहले रहस्यमयी मददगार ने कहा।
“वही मैं भी सोच रहा हूँ, हमे अंधेरे की सेना को भी रोकना है, अर्थ और उसकी सेना उन्हें ज्यादा देर तक नही रोक पाएगी ।” - दूसरे अजनबी ने भी सहमति जताई।
उन्होंने रक्षक की ओर देखा, परन्तु रक्षक एक लंबी छलांग लगाकर दोनों सेनाओ के बीच पहुँच गया, अब उसने अपने क्रोध को बाहर आने दिया, उसकी दोनो श्वेत आंखे अब लाल हो चुकी थी, राक्षस उसके एक मुष्टिप्रहार से सैकड़ो किलोमीटर दूर जाकर गिरते, अपने हाथों में थमी तलवारो को रक्षक न इतना काला खून पिलाया की उनकी लाली छिप गयी, undead एक बार यह देखकर घबरा गया पर उसे पूरा भरोसा था कि अंधेरे की सेना कभी खत्म नही होगी, रक्षक को इस तरह लड़ते देख अर्थ और उसकी बची खुची सेना एक बार फिर जोश में आ गई, इस बार रक्षक ने युद्ध के मैदान को राक्षसों के मृत शरीर से पाट दिया, और लगातार बिना रुके वो तेज़ी से संहार करता जा रहा था।
इधर रक्षक को ऐसे लड़ते देखकर नीली पोशाक और वो दोनों अजनबी undead से भिड़े हुए थे, परन्तु undead की ताकत के सामने वो नगण्य साबित हो रहे थे, तब नीली पोशाक वाले ने अपनी कमर पट्टिका खोली और उसे लेकर वो undead के विशाल शरीर पर तेज़ी से दौड़ता चढ़ गया, और उसके गर्दन में अपनी पट्टिका लपेटी, जिसके पश्चात जैसे लाखो वोल्ट की बिजली का झटका लगा हो, परन्तु इससे भी undead को कोई खास नुकसान नही हुआ, वो बस गिरते गिरते बचा।
परन्तु नीली पोशाक वाला जमीन पर गिर चुका थाऔर शायद बेहोश हो गया था।
“तुम ठीक तो हो न अंश!” - दूसरे मददगार ने नीली पोशाक वाले से पूछा।
“ हाँ मैं ठीक हूँ, पर थोड़ी देर इस खजूर को संभालो आह! आज मेरा झटका मुझी को भारी पड़ गया।” नीली पोशाक वाले ,जिसे रहस्यमयी मददगार ने अंश नाम से संबोधित किया था, वो इतना कहकर निढाल पड़ गया।
दोनो मददगारों ने अपनी अपनी पीठ से दो तीन छोटे छोटे पुर्ज़े निकाले, जो देखते ही विशाल रूप धरकर किसी बड़ी मशीन गन का रूप लेने लगी, दोनो undead पर दो तरफा फायरिंग करने लगे, इतने तीव्र आक्रमण से undead थोड़ा बौखला गया, परन्तु घबराया नही, उसने एक जोरदार घुसा एक मददगार के गन पर मारा, जिससे उसकी गन टूट गयी, पर वो गन टूटते ही जुड़कर एक नई आकृति का रूप धारण करने लगी, और चेन का रूप धारण करके undead के उस हाथ को जकड़ ली।
अब undead हल्का परेशान दिखा, उसके माथे पर पसीने की एक दो बूंदे आयी, उसने दूसरे मददगार को जोरदार किक मारा जिससे वो कई किलोमीटर दूर जा गिरा।
एक अकेला उसके सामने कुछ नही था, फिर भी वह अपनी पूरी ताकत से उसे रोके हुए था, तभी दूसरा मददगार उड़कर उसके पास आया और अपने हाथ मे मौजूद एक विशेष रस्सी से undead के दूसरे हाथ को बांधकर दूर एक पहाड़ की जड़ से बांध दिया, इस युद्ध मे इस ग्रह के पहाड़ जंगल नदी सभी चपेट में आये थे, इसलिए जहां युद्ध हो रहा है पहाड़ उससे लाखो किलोमीटर की दूरी पर उपस्थित हैं।
Undead ने अपना हाथ हल्का जोर लगाकर घुमाया जिससे चैन पकड़ा हुआ मददगार दूसरे मददगार के ऊपर जा गिरा।
“तुम ठीक तो हो न जयंत!” - दूसरे मददगार ने अपने नीचे दबे मददगार को उठाते हुए पूछा।
“ हां स्कंध! मैं ठीक हूँ पर ये राक्षस कुछ देर और ठीक रहा तो कोई ठीक नही रह पाएगा।” - जयंत ने कहा।
“परन्तु तुमने कभी नही बताया था कि ये इतना ताक़तवर है!”- स्कन्ध बोला।
"मुझे स्वयं नही पता, जो ज्ञात था सब बताया मैंने!" - जयंत बोला "इसीलिए तो छोड़कर गए थे तुम मुझे यहां!"
"मैं नही, रक्षक। मुझे लगता है जैसे वो सब भूल गया है और हम उसे याद भी नही दिला सकते।" स्कन्ध बोला
" पहले इस विशाल दानव से निपटो" - जयन्त चिल्लाया, परन्तु तब तक जिस पहाड़ से जयंत ने undead को बांधा था वो उसे उखाड़कर उन्ही की तरफ उछाल देता है, तभी अंश को होश आ जाता है वो undead को ऐसा करते देख लेता है और जिस रस्सी से पहाड़ और undead बंधे थे उसे काटकर पहाड़ वाले सिरे की रस्सी पकड़कर undead के ऊपर ही दे मारता है, जिससे undead नीचे गिर कर पहाड़ से दब जाता है।
"कमाल है, अंश में इतनी शक्तियां कैसे!" स्कन्ध बच्चों की तरह उछलते हुए बोला।
"उसे नीले सूर्य से ताक़त मिली है, उसने वर्षो बाद नीले सूर्य की ऊर्जा को ग्रहण किया है इसलिए वो अभी ताक़तवर हो रहा है और ये हमारे हित मे है।" जयन्त उसको समझाते हुए बोला। " परन्तु अभी युद्ध खत्म नही हुआ है, हमे शीघ्र ही कोई स्थायी समाधान ढूंढना होगा नही तो कल को हम इस धरती में दफन पाए जाएंगे।"
"यार डराओ मत अब! चलो अंश की मदद करें।" - स्कन्ध बोला।
अब तक undead पहाड़ी को अपने नाखूनों से फाड़कर मिट्टी कर चुका था, वो दुबारा उठने ही वाला था कि कई किलोमीटर ऊपर से अंश ने उसके सीने पर वार किया तेज़ गति के कारण तलवार पूरी की पूरी उसके सीने में चली गयी, एक पल को undead की सांसे रुक गयी वो निढाल सा जमीन पर जा गिरा, सब खुश हो गए कि ये मुसीबत तो खत्म हुई।
उधर रक्षक भी अंधेरे के सभी सैनिको का संहार कर चुका था, जयन्त और स्कन्ध अंश की तारीफ करने लगे, बहुत देर बाद उन्हें कुछ पल को आराम मिला था, पर ये खुशी व्यर्थ रह गयी जब undead अपने कदमो पर खड़ा हो गया, और अंश की तलवार अपनी छाती से निकालकर उसके ओर बहुत तेज़ गति से फेंका।
परन्तु तलवार अंश से निश्चित दूरी पर जाकर रुक गयी और अंश ने उसे अपने हाथों में पकड़ लिया।
" मेरे हथियार मुझे पहचानते है इसलिए कोई मेरे हथियार से मुझपर हमला करने की बेवकूफी करे भी तो कोई फायदा नही होता।" अंश undead को संबोधित करके बोला। 'परन्तु कोई भी इस हमले के बाद जीवित नही रह सकता, तुम मरे क्यों नही काले राक्षस!”
Undead के शरीर मे अब और परिवर्तन आने लगे थे, उसकी आंखें और शरीर एकदम काला हो चुका था, वो अपनी सारी डार्क पावर का उपयोग कर रहा था।
अब तक जयन्त और स्कन्ध उसपर दोतरफा हमला करने लगे, अंश ने उछलकर undead के मुह पर कसकर एक जॉइंट पंच मारा, पर इन हल्के फुल्के वारो का undead पर कोई खास असर नही दिख रहा था।
तभी अचानक undead अपने स्थान से मीलो दूर जा गिरा, उसे कुछ समझने का मौका ही नही मिला।
रक्षक इस युद्ध मे शामिल हो चुका था उसका जोरदार घुसा पड़ते ही undead जाने कहा जा गिरा, अब चारो ने एक साथ जोरदार उछाल लिया और एक साथ undead के विशाल शरीर पर लगातार हमला करने लगे, अब undead की हालत खराब होने लगी थी, फिर भी उसने अपना पूरा जोर लगाकर इन चारों को झटक दिया।
अब तक अर्थ भी यहां आ चुका था उसने अपने ब्रेसलेट से धारदार तीरों की बरसात कर दी जो undead के शरीर के सभी ओर बिंध गए।
"तुमने मेरे भाई की जान ले ली! मैं तुम्हारी जान ले लूंगा।" कहते हुए अर्थ undead की ओर उछला पर रक्षक ने उसे बीच मे रोककर समझाया और पुनः उसकी सेना का नेतृत्व उसे देते हुए वापस भेज दिया।
अब undead को रह रहकर तमसा महान पर क्रोध आने लगा, उसका क्रोध जायज भी था पिछले कुछ घण्टे पहले वो यहां आयी थी पर अब जब मदद की जरूरत है तो न अंधेरे का बेटा आ रहा है न ही तमसा महान।
" तमसा महान….. जब जरूरत है तब क्यों नही आती, और जब जाना ही था तो आयी क्यों..??" - undead अपने शरीर मे धंसे तीरों को तोड़ते हुए जोर से चिल्लाया।
तभी एक पोर्टल खुला जहाँ से दो काले विशाल प्राणी युध्द स्थल पर आए, वो 20 फुट ऊंचे, चार भुजा वाले अंधेरे के प्राणी थे। उनकी आंखें भट्टी के समान तप रही थी, हाथो में केवल 4 अंगुलिया थी, जिनमे बहुत बड़े बड़े नाखून थे।
"लो भेज दिया मदद तुम्हारे अंधेरे के बेटे ने! " - स्कन्ध बोला
अब एक नीले राक्षस से अंश तथा दूसरे नीले राक्षस से जयन्त और स्कन्ध दोनो मिलकर लड़ने लगे।
अंश ने अपने जोरदार वार से नीले राक्षस के दो हाथ काट दिए, जयन्त भी अपने घुटने के तेज वार से दूसरे नीले प्राणी को जमीन पर ला गिराया, परन्तु सब आश्चर्यचकित रह गए जब उस प्राणी के हाथों के स्थान पर दूसरे हाथ तुरंत उग गए, अब अंश उसपर जोरदार हमला करने लगा, जयन्त और स्कन्ध मिलकर दूसरे नीले राक्षस को जोरदार टक्कर दे रहे थे।
पर मुख्य मुकाबला तो रक्षक और undead का था, undead अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी रक्षक को जमीन से ऊपर नही उठा पा रहा था, दोनो के बीच कांटे की टक्कर हो रही थी। रक्षक बैक फ्लिप लेते हुए उसे 30 फुट ऊंचे कद को पार कर पीछे जा पहुंचा, उसके बाद undead के पीठ पर फिर सिर पर जोरदार वार किया, जिससे undead धूल चाटने को मजबूर हो गया।
उधर अंश और वे दोनों काले राक्षसों से उलझे हुए थे, एक राक्षस अपने तेज़ धार वाले नाखून से अंश पर हमला करता है पर अंश उसके नाखून के वार को रोककर, उसका हाथ काट देता है जिसके स्थान पर शीघ्र ही उगकर नया हाथ तैयार हो जाता है, अंश बिजली जैसी फुर्ती होने के बाद भी खुद को बड़ी मुश्किल से बचा पा रहा था अचानक उसके मन मे एक विचार उत्पन्न हुआ और वो अपनी तलवार से उस राक्षस को बीच से चीर देता है, और एक टुकड़े को उछलकर आसमान की ओर तथा दूसरे भाग को तलवार की मदद से जमीन में गाड़ देता है।
उधर जयन्त और स्कन्ध का बचना भी बहुत मुश्किल हो रहा था, किसी तरह वो उसके वॉर को रोक पाते थे, कोई अंग काट भी दिया तो झट से उसके जगह पर उसका नई अंग उग जाता था पर अब अंश का अनुशरण कर जयन्त भी नील प्राणी से निपटने का तरीका सोच चुका था, उसने और स्कंध ने मिलकर अपनी चैन और रस्सियों की सहायता से चारो हाथो को बांधकर अपनी पावर गन्स का प्रयोग करके उड़ा डाला।
पर undead को मारना इतना आसान नही था, मारना आसान होता तो उसका नाम undead क्यों होता, रक्षक उसपर लगातार वार करके थकता जा रहा था। undead के चेहरे पर धीरे धीरे कुटिल मुस्कान आ रही थी, पर रक्षक इससे बेखबर उसके चेहरे को न पढ़ पा रहा था।
तभी ऊपर एक अंतरिक्ष यान प्रकट हुआ, जो कि यूनिक था और उसमें बैठे हुए थे "4J"
"हमने कुछ ज्यादा देर तो नही कर दी न जय!" जैक ने जय से पूछा।
"अभी कुछ नही हुआ है लाडलो पर अगर अब कुछ न किया तो कभी कुछ न कर पाओगे, चलो अपने ग्रह को बचाते है।" - यूनिक मशीनी आवाज में जवाब दिया।
"उसने तुमसे नही पूछा यूनिक" जीवन ने क्रोध भरे स्वर में कहा।
"तुम यही रुको हम आते हैं।" कहते हुए जीवन और बाकी के तीनों छलांग लगा दिए।
"कम्बख्तों पैराशूट तो ले लेते, लड़ाई लड़ने से पहले ही मरना चाहते हो क्या..??" यूनिक चिल्लाया।
"ये किसी साधारण हथियार से नही मर सकता रक्षक! वरना हम इसे कब का मार चुके होते।" - जय हवा में ही चिल्लाया।
"तो इसे कैसे मारे, मैंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा झटका दिया पर इसे कुछ हुआ ही नही।" - रक्षक के बोलने से पहले अंश बोल पड़ा।
"इसे किसी भी बाह्य हथियार से नही मारा जा सकता।" - जैक बोला
''तो फिर ये कैसे मरेगा और ये है क्या चीज..?" - रक्षक बोला।
"मेरी जान बाद में लेना बच्चे! पहले खुद की जान बचा।" - अचानक ही undead ही आंखे अंधेरे से भी ज्यादा काली हो गयी, उसके हाथों में एक काला भाला चमकने लगा, किसी के कुछ समझ पाने से पहले वो प्रकाश की गति से रक्षक के ऊर्जा कवच को तोड़ते हुए उसे सीने में प्रवेश कर गया, रक्षक अपने दोनों हाथों से भाला निकालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी आँखें बन्द होती जा रही थी, अर्थ ने रक्षक के सिर को अपनी गोद में लिया, रक्षक की सांसे टूटने लगी थी, सब भौचक्के होकर देख रहे थे, अचानक से उन्हें कुछ याद आया, वे सब undead की ओर तेज़ी से दौड़ पड़े, परन्तु undead एक हाथो के मात्र एक प्रहार से तीनों योद्धा धूल चाट गए, अंश अपनी पूरी ताकत लगाकर पुनः बिजलियों का आह्वाहन किया पर undead इस महाशक्तिशाली तड़ित प्रहार को भी आसानी से झेल गया और प्रत्युत्तर में अपने पैर को जमीन पर पटका जिससे अंश दूर जा गिरा। स्कन्ध और जयन्त अपनी अपनी तलवारे और विशेष गन लेकर आगे बढ़े पर आज undead नाम का तूफान किसी के रोके न रुकने वाला था, 4J जैसे अचानक से संभले हो, उन चारों ने अपनी सम्मलित शक्ति का प्रयोग undead पर किया पर ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली ऊर्जा वारो में से एक ऊर्जा वार को आसानी से झेल गया, परन्तु 4J भी undead डार्क पावर के सामने कही के न ठहरे, आज ही प्राप्त की गई महान डार्क पावर ने सबकी शक्तियों की काट बनाकर undead को असीमित शक्तियां प्रदान कर रही थीं, पहले से शक्तिशाली undead अब नई शक्तियों के साथ अकेले ही एक विशाल ब्लैक होल की तरह सभी महान योद्धाओं को लील जाने वाला था, ऐसा लग रहा था मानो आज वो जेन्डोर ग्रह को अंधेरे का अंग बनाकर ही रहेगा।
पर अब शाम हो चुकी थी, सूर्य डूबने वाला था, रणभेरी भेजी, आज की युद्ध समाप्ति का घोषणा हुआ, और undead को मजबूरन वापस जाना पड़ा।
अर्थ ने रक्षक की नब्ज जांची, नब्ज रुक चुकी थी, रक्षक अपने पहले ही दिन अंधेरे के सेवक के हाथों बलि चढ़ गया था, बाकी के योद्धा भी चारो खाने चित पड़े थे।अंधेरे ने उजाले की एक विशाल दीवार गिरा दी अब कल के युद्ध मे क्या होगा ये ग्रहदेवता ही जाने……
क्रमशः…..
Hayati ansari
29-Nov-2021 09:55 AM
Good
Reply
Niraj Pandey
09-Oct-2021 12:13 AM
बहुत ही बेहतरीन भाग
Reply
Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 05:10 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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